Monday 26 March 2012

Jazzbaat...

आज  फिर  कुछ  लिखने  की  चाह  है ,
पर  कहाँ  मेरे  जज़्बातों  को  परवाह  है ..
कभी  ये  ख़ुशी  से  झूमने  लगते  है ,
तो  कभी  किसी  राह  पर  अपनी  पहचान  ये  आज  भी  ढूंढते  है ..
गम्म  से  ख़ुशी  तक  का  फासला  काफी  है,
पर  ख़ुशी  का  एहसास  अभी  भी  होना  बाकी  है ..
खुश  हूँ  की  जो  चाहा  वो  पाया  मैंने ,
फिर  क्यूँ  गम्म  से  अजब  ये  रिश्ता  जोड़ा  है  मैंने ..
शायद  जो  पाया  वो  किस्मत  है  मेरी ,
पर  जो  खोया  वो  इबादत  थी  मेरी ..
जिसे  पाया  उस  में  मैंने  खुदा  को  देखा ,
पर  जिसे  खोया  वो  खुद  खुदा  था  मेरा ..
उसी  ने  मुझे  इस  ख़ुशी  से  मिलवाया ,
जिस गम्म के  अँधेरे  में  खोये  थे , उसे  रौशन  करवाया ..
नजाने  ये  दिल  क्या  लिखना  चाहता  है ,
स्याही  से  ये  कुछ  रंग  शायद  भरना  चाहता  है ..
नहीं मिलते  लफ्व्ज़ मुझे  अपना  प्यार  दिखाने  को ,
कम  पड़ जाते  है  ये  गम्म  भी  छुपाने  को ..
ब्हे जाते  है  ये  जज़्बात  अश्खों  की  बारिश  में,
गम्म  हो  या  ख़ुशी  निकल  ही आते  है  ये  मेरा साथ  निभाने  को ..
कभी  ये  निकलते  है  उसका  पता  पूछने  को ,
तो  कभी  ये  ब्हे जाते  है  पा  कर  तुम  में  उसको ..

mar 2012

Friday 2 March 2012

Lafvzon ke moti...

Dil ki baaton ko lafvzon mein pirona,
aasaan nahin in motiyon ko sajana...
Log kehete hai, ye hai ek  kavi ki kalpana,
Nahin samajh paate ye hai dil se nikla afsana..
Mushkil hai sabko kuch baatein samajhaana,
Sahara dete hai Hume ye lafvz,jab mushkil hota hai kisi apne ko bhulana...
Likh kar apne dil ki har baat,
piron ke inmein apne jazbaat...
Kar lete hai tassalli pahunch gayi un tak humare dil ki har baat,
Chahe milta nahin Hume unse koi jawaab...
Ye lafvz hai hi humara gehena,
saath chhod jaaye sab, tab bhi inhe hai humare saath rehena...
mar2012
Sim:)